कुम्भ राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह वर्ष उतार‐चढ़ावपूर्ण रह सकता है। विशेष रूप से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या एवं अनावश्यक परिवर्तन झेलने पड़ सकते हैं। सेहत सम्बन्धी समस्याएँ जनवरी, फरवरी, जून, सितम्बर तथा अक्तूबर माह में रह सकती है। हालांकि ये समस्याएँ बड़ी नहीं होंगी तथा इनका निराकरण भी शीघ्र हो जाएगा। आर्थिक दृष्टिकोण से यह वर्ष उत्तम रहेगा। विशेष रूप से मई से नवम्बर माह का समय आर्थिक रूप से अच्छा कहा जा सकता है। इस दौरान धन लाभ के योग बनेंगे।
पारीवारिक सुख के दृष्टिकोण से इस वर्ष कुछ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। बड़े भाई‐बहनों से वैचारिक मत‐भेद तथा जीवनसाथी से मनमुटाव हो सकता है। यह समस्या फरवरी, जून, सितम्बर तथा अक्तूबर माह में रह सकती है। नौकरी पेशा वर्ग के लिए यह वर्ष पूर्वार्ध में अनुकूल नहीं है, लेकिन उत्तरार्ध में अच्छा रहने की सम्भावना है। वर्ष के प्रारम्भिक चार माह कुछ परेशानी वाले रह सकते हैं। इस दौरान अपने सहकर्मियों से सावधानी अपेक्षित है। आपको अपने कार्य में पिछड़ने पर समस्या उत्पन्न हो सकती है। कार्यों को समय पर पूरा नही कर पाने अथवा अन्य किसी कारण से अधिकारियों द्वारा निन्दित भी हो सकते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से अगस्त, सितम्बर व अक्तूबर माह में रह सकती है, तत्पश्चात् समय आपके पक्ष में हो जाएगा।
व्यापारियों के लिए यह वर्ष उत्तम रहने की सम्भावना है। हालांकि कुछ उतार‐चढ़ाव रह सकते हैं। मई से नवम्बर माह तक का समय आर्थिक लाभ प्राप्ति की दृष्टि से अच्छा कहा जा सकता है।
उपाय
• शनिवार को नीलम पहनें।
• लोहा, स्टील, केायला, सीसा, नीलम, काला नमक, गोल मिरच, काला सूरमा, काली दाल, सरसो का तेल, चमड़ा दान करें।
• मंत्र: ‘प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप शनिवार को दोपहर के समय 23000 बार करें।
• भैरव जी की पूजा करें।
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